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Text of Prime Minister Shri Narendra Modi's address during launch of 'Swachh Bharat Mission' at India Gate

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Delhi


भारत माता की जय!

महात्मा गांधी अमर रहे! महात्मा गांधी अमर रहे! महात्मा गांधी अमर रहे! लाल बहादुर शास्त्री अमर रहे! लाल बहादुर शास्त्री अमर रहे! लाल बहादुर शास्त्री अमर रहे!

विशाल संख्या में पधारे हुए वरिष्ठ महानुभावों और सभी नौजवानों

साथियों,आज 2 अक्टूबर है। पूज्य महात्मा गांधी का जन्मदिवस है। पूज्य लाल बहादुर शास्त्री जी का भी जन्मदिवस है। लाल बहादुर शास्त्री जी ने हमें मंत्र दिया था जय जवान-जय किसान! देश के किसानों ने उस एक आह्वान पर हिंदुस्तान के अन्न के भंडार भर दिए थे।

पूज्य बापू ने हमें संदेश दिया था Quit India-Clean India! देशवासियों ने आजादी का आंदोलन चलाकर के देश को पूज्य बापू के नेतृत्व में गुलामी से मुक्त कराया लेकिन पूज्य बापू का Clean India का सपना अभी अधूरा है। यहां पर एक Crowd Sourcing के माध्यम से देश के लोगों का आह्वान किया था कि इसका Logo बनाकर के हमें Idea दीजिए। लोगों को कहा था कि आप इसका घोष वाक्य हमें दीजिए। महाराष्ट्र के भाई अनंत ने इसमें विजय प्राप्त की। गुजरात राजकोट की एक बहन भाग्यश्री ने इसका इनाम प्राप्त किया।
 
जब हजारों की तादाद में Logo आए थे और जब मैंने इस Logo को देखा! एक दम से मुझे बड़ा सटीक लगा। मैं देख रहा हूं, इन चश्मों से महात्मा गांधी देख रहे हैं कि बेटे, भारत को स्वच्छ किया कि नहीं किया! ये Logo सिर्फ Logo नहीं है। इस चश्में से गांधी देख रहे हैं क्या किया? क्या कर रहे हो, कैसे कर रहे हो, कब तक करोगे, इसलिए जब गांधी के चश्में का Logo हम देखते हैं, जो चश्में खुद हमें कहते हैं, स्वच्छ भारत का संदेश देते हैं। मैं इस कल्पना के लिए, इस कृति की रचना करने वाले अनंत को अभनिनंदन देता हूं। एक उन्होंने घोष वाक्य दिया भाग्यश्री ने एक कदम स्वच्छता की ओर बहुत बड़ी बात नहीं है। एक कदम। इसके लिए मैं भाग्यश्री भी बधाई देता हूं। मेरे प्यारे देशवासियों! मैं आज इस मंच पर से बड़ी प्रमाणिकता से, पवित्र मन से, मेरे सामने India Gate है, वहां पर देश के लिए मरने-मिटने वालों की ज्योति जल रही रही है, उसकी साक्षी से मैं कहता हूं, राजनीतिक बयान नहीं कर रहा हूं। इस देश की सभी सरकारों ने, इस कल को करने के लिए कोई न कोई प्रयास किया है। इस देश के अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक नेताओं ने इस काम को करने के लिए प्रयास किया है। जिन-जिन लोगों ने, अलग-अलग नाम रहे होंगे, कार्यक्रम की रचना अलग रही होगी, रूप-रंग अलग रहे होंगे लेकिन जिन-जिन लोगों ने काम किया है। मैं सबसे पहले उन सबको वंदन करता हूं। मैं उनका अभिनंदन करता हूं।

उसी कड़ी को मुझे आगे ले जाना है। मैं कोई दावा नहीं करता हूं कि अभी-अभी जो चुनकर के आई है, सरकार वो ही सब कर रही है। ना, मैंने लालकिले से भी पुरानी सभी सरकारों को बधाई दी थी, अभिनंदन किया था। आज मैं इस पवित्र मंच से भी जिन-जिन सरकारों ने इस काम को किया है, चाहे केंद्र में हो, चाहे राज्य में हो, चाहे नगर-पालिका में हो, चाहे सामाजिक संगठनों ने किया हो, चाहे सर्वोदयी नेताओं ने किया हो, चाहे सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने किया हो और संगठन के कार्यकर्ताओं ने किया है, सब के सब अभिनंदन के अधिकारी हैं और आज इस पवित्र अभियान का आरंभ हो रहा है, तब मैं उन सबको नमन करते हुए, उन सबके आशीर्वाद के साथ, इस कार्यक्रम को आरंभ करने के लिए, मै पूरे देशवासियों से प्रार्थना करता हूं। कभी-कभी ऐसा लगता है कि क्या सफाई, इस देश को गंदगी से मुक्त करना, क्या सिर्फ सफाई कर्मचारियों का काम है क्या? क्या ये उन्हीं का जिम्मा है क्या? क्या सवा सौ करोड़ देशवासियों का कोई दायित्व नहीं है? हम हर बात उन्हीं पर थोपते रहेंगे क्या? अगर कुछ अच्छा हुआ, बुरा हुआ तो उन्हीं को कोसते रहेंगे क्या? ये स्थिति बदलनी है।

सवा सौ करोड़ देशवासी, जैसे भारत माता के संतान हैं, प्रधानमंत्री भी पहले भारत माता की संतान है, बाद में प्रधानमंत्री है। इसलिए इस मां की संतान के रूप में, हम सबका दायित्व बनता है। हम हमारे देश को ऐसा न रखें। गांव हो, गली हो, मोहल्ला हो, घर हो, परिवार, स्कूल हो, कॉलेज हो, मंदिर हो, मस्जिद हो, गुरुद्वारा हो, कोई भी स्थान हो। ये गंदा कैसे हो सकता है और कहीं गंदगी देखें.. कोई कागज फेंकता है, तो हमें उठाने का मन क्यों नहीं करता?

मैं जानता हूं, ये प्रचार अभियान से होने वाला काम नहीं है। पुरानी आदतों को बदलने के लिए समय लगता है। कठिन काम है, मैं जानता हूं लेकिन हमारे पास 2019 तक महात्मा गांधी के 150 वर्ष मनाएंगे, तब तक का समय है। मैं मीडिया के मित्रों का भी आभारी हूं कि पिछले कुछ दिनों से वो इस बात को फैला रहे हैं, पहुंचा रहे हैं। अगर हम सब मिलकर के इसको एक जन आंदोलन बनाएंगे, तो मैं नहीं मानता हूं कि दुनिया के साफ-सुथरे शहरों में, देशों में, हमारा नाम नहीं होगा। हम भी उस जगह को बना सकते हैं। भारत ये कर सकता है, भारतवासी कर सकते हैं। अगर भारतवासी कम से कम खर्चे में Mars पहुंच सकते हैं, तो क्या भारतवासी अपना गली-मौहल्ला साफ नहीं कर सकते हैं? Mars तक पहुंचाने के लिए कोई प्रधानमंभी नहीं गया, कोई मंत्री नहीं गया, वैज्ञानिकों ने किया, भारत माता के संतानों ने किया था। सफाई भी हम सब मिलकर के करेंगे।

मैं जानता हूं, कुछ ही दिनों में आलोचना शुरू होने वाली है, कि देखो क्या हुआ? देखो क्या हुआ? मेरी ढेर सारी आलोचना होने वाली है, मैं जानता हूं लेकिन मैं मां भारती की गंदगी की सफाई के लिए अगर मुझे आलोचना सहना पड़े, तो उसी मैं तैयारी के साथ आज मैदान में आया हूं। मैं इस तैयारी के साथ आया हूं कि मेरे सवा सौ करोड़ देशवासी, भारत मां की संतान, हमारी इस भारत मां को अब गंदा नहीं रहने देंगे। पूज्य बापू के सपनों को पूरा करने में, हम कोताही नहीं बरतेंगे और ये जिम्मेवारी हम सबकी है।

मैंने Social Media में भी एक आंदोलन खड़ा करने करने का तय किया है। mygov.in, इस वेबसाइट पर भी है। Clean India के लिए एक अलग वेबसाइट बनाई है। Facebook, Twitter पर भी इस काम को आरंभ किया है। # MyCleanIndia, ये भी आज प्रारंभ किया है। मैं देशवासियों से प्रार्थना करता हूं, कि आप एक काम किजिए। कहीं कूड़ा कचरा है, उसकी फोटो आप अपलोड कीजिए। फिर उसकी सफाई आप कीजिए। उसकी वीडियो अपलोड कीजिए। फिर स्‍वच्‍छ, उस जगह की फोटो आप अपलोड कीजिए।

भाइयों, बहनों, मैं मीडिया से भी प्रार्थना करता हूं। ये सब, आज भी मैं कहता हूं, हिन्‍दुस्‍तान में कई नौजवान ऐसे हैं, कई संगठन ऐसे हैं, और हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में हैं, हजारों की तादाद में हैं। वे सफाई का काम, मैं प्रधानमंत्री बना, उससे पहले से कर रहे है। जरा उनको हम हिन्‍दुस्‍तान की जनता के सामने मीडिया के माध्‍यम से लाएं। छोटे छोटे लोग जो सफाई का काम करते हैं, वो देश के सामने लाएं। हम सब मिलके एक एक प्रेरणा का वातावरण बनाएं। किसने किया, किसने नहीं किया, कैन जिम्‍मेवार है, कौन नहीं है, कौन गुनाहगार, इसमें इस बात को हम न घसीटें।

मैंने पहले ही कहा, यह राजनीति से परे है। यह सिर्फ राष्‍ट्रभक्ति की प्रेरणा से किया हुआ काम है। हमने, सिर्फ-सिर्फ-सिर्फ राष्‍ट्रभक्ति की प्रेरणा से ही करना है, राजनीति से प्ररित हो कर के नहीं करना है। यह सफाई तब होगी। इसलिए मैं कहता हूं, अनेक संगठन हैं, अनेक सामाजिक संगठन हैं, अनेक सांस्‍कृतिक संगठन हैं, वह अपने-अपने तरीके से काम कर रहे हैं।

मैंने ऐसे कई गांव देखें हैं, उस गांव का सरपंच इतना जागरूक हैं, गांव के सब लोग, गांव को इतना साफ-सुथरा रखते हैं, देखते ही बनता है। कई लोग हैं, इस काम को करते हैं। कई स्‍कूल में जाते हैं, एक-आध शिक्षक इतना रूचि लेता है, पूरा शिक्षण क्षेत्र का परिसर कितना साफ-सुथरा, पवित्रता के माहौल की अनुभूति होती है।

जब हम इंडिया गेट पर आते हैं, राष्‍ट्रपति भवन की ओर जाते हैं, यह सफाई देखते हैं, तो मन कितना अच्‍छा लगता हैं। क्‍या मेरा हिन्‍दुस्‍तान का हर कोना इतना ही साफ होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। हर गली-मोहल्‍ला इतना ही साफ होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। यह सामाजिक दायित्‍व है कि नहीं है और इसलिए कृपा करके, अगर इसको राजनीतिक रंग से रंग दिया गया, अगर इसको इसी बात से तौल दिया, कि देखों एक दिन आए, फोटो निकाल के चले गए, तब तो हम भारत मां की फिर से एक बार कु-सेवा करेंगे। महात्‍मा गांधी हिन्‍दुस्‍तान के हर गली मौहल्‍ले में सफाई करने नहीं गए थे।

लेकिन सफाई की इनकी प्रतिबद्धता ने पूरे हिन्‍दुस्‍तान में सफाई के प्रति एक जागरूकता पैदा की। हमको, सबको मिल करके इस काम को करना है। हम जहां हों, जैसे हों, इस काम को करेंगे। मुझे विश्‍वास है, मैं अपनी भारत माता को गंदगी से मुक्‍त करा पाएंगे। ये सवा करोड़ देशवासियों का काम है।

सवा सौ करोड़ में एक मोदी नाम का इंसान भी है।अकेला मोदी है, ऐसा नहीं है। इसलिए काम सवा सौ करोड़ देशवासियों का है, ये मैं सवा सौ करोड़ बार बोल रहा हूं। काम सरकार का सिर्फ नहीं है। यह काम सिर्फ मंत्रियों का नहीं है। यह काम सिर्फ सामाजिक संगठन, समर्पित समाज सेवकों का नहीं है। यह जन-सामान्‍य का काम है। जितना ज्‍यादा हम जन सामान्‍य को जोड़ेंगे, लाभ होगा।

मैंने आज एक और भी काम...., आज नवरात्रि की भी पूर्णहुति हो रही है। कल विजयादशमी का पर्व हम मनाने वाले हैं। कल के विजया-दशमी के पर्व के लिए भी राष्‍ट्रवासियों को शुभकामना देता हूं।

आज मैंने सोशल मीडिया के एक आंदोलन चलाने के कार्यक्रम शुरू किया है। मैंने आज नौ लोगों को निमंत्रित किया है कि आप भी पब्लिक प्‍लेस पर आ के, अपने आदमियों को ले के स्‍वच्‍छता के अभियान पर काम करेंगे। मैं विश्‍वास करता हूं, जिन नौ लोगों को मैं आज निमंत्रित किया है, वे जरूर इस काम को करेंगे। इतना ही नहीं उनसे भी मेरा आग्रह है, कि वे भी और नौ लोगों का नाम तय करके उनको भी निमंत्रित करे, वो और नौ लोगों को करे, वौ और नौ लोगों को कहे। आपको भी मैं कहता हूं, आप भी इस प्रकार का सफाई का काम करके उसका वीडियो upload करके और नौ लोगों को आप निमंत्रित कीजिए। अरे, नौ-नौ की चैन चलती ही रहे, चलती ही रहे।

आज मैंने गोवा के गवर्नर माननीय मृदुला सिन्‍हा जी को निमंत्रित किया है। मैंने भारत रत्‍न सचिन तेंदुलकर जी को निमंत्रित किया है। मैंने योग गुरू बाबा रामदेव जी को निमंत्रित किया है। मैंने कांग्रेस के नेता श्रीमान शशि थरूर जी को निमंत्रित किया है। मैंने श्रीमान कमल हसन जी को निमंत्रित किया है। मैने श्रीमान सलमान खान जी को निमंत्रित किया है, मैंने बहन प्रियंका चोपड़ा जी को निमंत्रित किया है। इतना ही नहीं, तारक मेहता का उल्‍टा चश्‍मा, उस पूरी टीम को मैंने कहा है, मैं इस काम में आपको निमंत्रण देता हूं, आप भी करिए और अपने सीरियल के माध्‍यम से, और भी सीरियल के माध्‍यम से इस काम को आगे बढ़ाइए।

ह‍मारी फिल्‍म इं‍डस्‍ट्री देखेगी, पिछले 50 सालों में कई ऐसी फिल्‍में आई हैं, बहुत सी फिल्‍में ऐसी हैं, जिनमें कोई न कोई एपिसोड ऐसा है,जिसमें सफाई के विषय में कोई न कोई लोकशिक्षा का काम किया गया है। इस बात को हमें बढ़ाना। हमें इस बात की जिम्‍मेवारी निभानी है।

भाईयों और बहनों, डब्‍ल्‍यूएचओ का एक बहुत बड़ा चौंकाने वाला मूल्‍यांकन है- उनका कहना है कि भारत में गंदगी के कारण जो बीमारी आती है, बीमारी के कारण जो रोजी-रोटी छूट जाती है, नौकरी नहीं हो पाती है, परिवार को तकलीफ होती है। डब्‍ल्‍यूएचओ का कहना है कि गंदगी के कारण हर वर्ष भारत के प्रत्‍येक नागरिक को करीब 6500 रूपयों का अतिरिक्‍त नुकसान झेलना पड़ता। बीमारी के कारण, बीमारी के कारण ऑटों रिक्‍शा नहीं चला पाता है। बीमारी के कारण टैक्‍सी नहीं चला पाता है। बीमारी के कारण अखबार बांटने के लिए नहीं जा पाता है। बीमारी के कारण दूध बेचने के लिए नहीं जा पाता है। यह भारत की कुल संख्‍या का average निकाला है, लेकिन सुखी घर के लोगों को ये नहीं भुगतना पड़ता है। अगर उनको निकाल दिया जाए तो average 6500 से बढ़कर के गरीब आदमी के सर पर बोझ की average 12-15 हजार रूपये हो सकती है।

हम सिर्फ गंदगी साफ करें तो हमारे देश के गरीबों के जेब से कम से कम 6500 रूपये बचने वाले है। वह बीमारी से बचने वाला है। वह नौकरी पर नहीं जा पा रहा है, बेरोजगारी से बचने वाला है। ये गंदगी से मुक्ति गरीबों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बड़ा महत्‍वपूर्ण काम है। इसलिए ये भारत माता की सेवा, गरीबों की सेवा है।

आइये हम सब मिलकर करके देखें, Mygov.in वेबसाइट पर, मेरे फेसबुक पर, ट्विटर पर, सामान्‍य जनता का जो मिजाज देख रहा हूं, जो उमंग देख रहा हूं। मुझे विश्‍वास है कि सरकार से भी जनता 100 कदम आगे चलने को तैयार है और अगर जनता चलती है तो फिर इसे रोकने का कोई कारण नहीं है।

भाईयो-बहनों, महात्मा गांधी को हमें कुछ तो देना चाहिए। 2019 में गांधी के जब 150 वर्ष होते हैं, तब हमें स्वच्छ भारत और ये सामूहिक दायित्वों से बना हुआ भारत। Quit India की सफलता इसलिए थी कि सारा देश आजादी के आंदोलन में जुड़ा हुआ था। Clean India की सफलता इसमें है कि सवा सौ करोड़ देशवासी इसमें जुड़ें। जय जवान-जय किसान के मंत्र की सफलता इसलिए थी, क्योंकि लाल बहादुर शास्त्री ने जय किसान का नारा दिया, अन्न उत्पादन के लिए आहवान किया, लेकिन लाल बहादुर शास्त्री को किसी ने ये पूछा कि नहीं था कि तुम खेत में जाकर के हल चला रहे हो, तुमने खेती की या नहीं की, तुमने अनाज पैदा किया कि नहीं किया, ये किसी ने नहीं पूछा था लेकिन लाल बहादुर शास्त्री जी ने कहा था जय किसान! और हिंदुस्तान के किसान खड़े हो गए थे। अन्न के भंडार भर दिए थे और भारत के हर गरीब व्यक्ति का पेट भरने का काम, उस एक महापुरुष के शब्दों पर हुआ था। महात्मा गांधी के शब्दों को पूरा करने का ये वक्त है।

उस महापुरुष के शब्दों की पवित्रता देखिए, उस महापुरुष के शब्दों की ताकत को देखिए, उस महापुरुष के शब्दों के समर्पण को देखिए, क्या हमें वो प्रेरणा नहीं दे सकते हैं। चाहे मैं हूं या आप हों, हम सबके लिए महात्मा गांधी का Quit India नारा, ये सफलता जैसा हमें आनंद देती है, Clean India भी हमें उतना ही आनंद देगी, उतना ही सुख देगी, उतना ही समृद्धि का रास्ता प्रशस्त करेगी, इस विश्वास के साथ इन महापुरुषों के शब्दों पर भरोसा करके हम 

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First Published: Oct 02 2014 | 4:20 PM IST

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